मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू शुक्रवार को प्रदेश सरकार की महत्त्वाकांक्षी पहल ‘सरकार गांव के द्वार’ के तहत शिमला जिले के चौपाल उपमंडल की कुपवी तहसील के टिक्कर गांव पहुंचे। ग्रामीणों ने पारंपरिक तरीके से गर्मजोशी के साथ सीएम का स्वागत किया। सर्द रात में गांववासियों ने मुख्यमंत्री के साथ अपनी समस्याएं साझा कीं, जिन पर उन्होंने संवेदनशीलता से चर्चा की। सीएम सुक्खू ने पूर्व जिला परिषद सदस्य हरी सिंह पचनाइक के घर पर रात्रि विश्राम किया, जहां उन्होंने अलाव के पास बैठकर स्वास्थ्य और शिक्षा सेवाओं की स्थिति की जानकारी ली।
सीएम ने इस अवसर पर राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए उठाए गए कदमों, जैसे दूध पर एमएसपी, मक्की और गेहूं की खरीद योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कानून में संशोधन कर तकसीम और दुरुस्ती के मामलों को नौ महीने, निशानदेही को तीन महीने, और इंतकाल मामलों को एक महीने में निपटाने की नई समयावधि पर भी प्रकाश डाला।
रात्रि भोज में परोसे गए पहाड़ी व्यंजनों ने सीएम और ग्रामीणों के बीच आत्मीयता को और बढ़ा दिया। भोज में पारंपरिक सिड्डू, बिच्छू बूटी का साग, मक्की की रोटी, खीर, कुल्थ की दाल, अरबी और गुच्छी की सब्जी के साथ पहाड़ी मुर्गा और बकरे का मांस खास आकर्षण रहे।
ग्रामीणों ने सीएम के इस कदम को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि यह व्यवस्था परिवर्तन का उदाहरण है। टिक्कर निवासी संतोष कुमार ने कहा, “हमने कभी नहीं सोचा था कि मुख्यमंत्री हमारे गांव आएंगे। उन्होंने हमारी समस्याएं सुनकर समाधान का भरोसा दिया, जो हमारे लिए बहुत बड़ी बात है।” वहीं, रीना देवी ने कहा, “सिर्फ एक जमीन से जुड़े नेता ही इस तरह आम जनता के साथ खड़े हो सकते हैं।”
सीएम सुक्खू के इस दौरे को ग्रामीणों ने प्रदेश के प्रशासनिक इतिहास में एक नई पहल बताया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का गांवों में रुकना यह दर्शाता है कि सरकार जमीनी स्तर पर समस्याओं को समझने और उन्हें हल करने के लिए प्रतिबद्ध है। ग्रामीण लायक राम ने कहा, “सीएम सुक्खू जुनूनी नेता हैं, जो जनता के साथ सीधे संवाद स्थापित कर रहे हैं। यह उनकी जनसेवा और सच्ची नेतृत्व क्षमता को दर्शाता है।” ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री के इस कदम को व्यवस्था में बदलाव का प्रतीक मानते हुए इसे आम जनता के लिए बेहद उत्साहजनक बताया।