हिमाचल प्रदेश की ग्रामीण महिलाएं अब स्वरोजगार में उत्कृष्टता का उदाहरण बन चुकी हैं। वे पहाड़ों में तैयार किए गए ऐसे उत्पादों का निर्माण करती हैं, जिन्हें बाहर से आने वाले लोग भी पसंद करते हैं। हालांकि, अब तक इन उत्पादों को व्यापक बाजार नहीं मिल पाया था, लेकिन अब सरकार ने इन महिलाओं के उत्पादों को एक बड़ा बाजार उपलब्ध कराने का कदम उठाया है। इसके लिए एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म, हिम ईरा ऐप तैयार किया गया है, जिससे इन उत्पादों को कहीं से भी आसानी से खरीदा जा सकेगा।
प्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत हिमाचल के प्रसिद्ध उत्पादों को एक बड़ा बाजार देने की योजना बनाई है। मुख्यमंत्री सुक्खू इस ऐप का जल्द उद्घाटन करेंगे। हिम ईरा ऐप पर पहाड़ी घी, जो खास तौर पर पहाड़ी गाय के दूध से बनाया जाता है, चटनी, विभिन्न आचार, साबुन, तुलसी अर्क, कांगड़ा चाय, एप्रीकोट ऑयल जैसे उत्पाद ऑनलाइन उपलब्ध होंगे।
राज्य में लगभग 40,000 महिला स्वयंसेवी समूह हैं, जिनमें 5 लाख महिलाएं जुड़ी हुई हैं, और वे विभिन्न प्रकार के उत्पाद तैयार करती हैं। इन उत्पादों की राज्यभर में भारी डिमांड है, लेकिन बाजार की कमी की वजह से उनकी बिक्री में रुकावट थी। अब हिम ईरा ऐप के माध्यम से इन महिलाओं के उत्पादों को ऑनलाइन उपलब्ध कराकर उन्हें बेहतर बाजार मिल सकेगा।